झांसी के मेडिकल कॉलेज में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की हुई थी मौत
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अग्निकांड के त्रिस्तरीय जांच के दिए हैं आदेश
झांसी के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात को हादसा हो गया था। यहां भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। आग लगने के बाद अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर बच्चों को गया निकाला गया था। अब खबर मिली है कि झांसी मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू में शुक्रवार शाम 5 बजे भी शॉर्ट सर्किट हुआ लेकिन लापरवाही में नजरअंदाज कर दिया। इसका यह परिणाम हुआ कि रात करीब 10 बजे आग की चपेट में आने से 10 नवजात की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, शाम करीब 5 बजे एसएनसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ। जिसकी जानकारी ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों को दी गई थी। अफसोस की बात है कि किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। रात करीब 10 बजे फिर से शॉर्ट सर्किट हुआ और तेजी से आग लग गई।
अभी मेडिकल कॉलेज में 16 बच्चों का इलाज चल रहा है। इनमें चार गंभीर हैं। मेडिकल कॉलेज से एक बच्चे को छुट्टी दे दी गई। इनके अलावा झांसी के ही अन्य अस्पतालों में 22 बच्चे भर्ती हैं। इनमें आठ बच्चे गंभीर हैं। एसएनसीयू में कुल 55 बच्चे भर्ती थे। यहां शुक्रवार रात शार्ट सर्किट से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर में आग लग गई। इसके बाद अफरातफरी मच गई। वहीं, शनिवार सुबह पहुंचे उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने आग पीड़ितों की मदद के निर्देश दिए।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अग्निकांड के त्रिस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। शनिवार सुबह पहुंचे उप मुख्यमंत्री ने बताया कि तीन टीमें मामले की जांच करेंगी। इन टीमों में शासन स्तर से स्वास्थ्य विभाग की टीम, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम और तीसरी मजिस्ट्रेट जांच होगी। तीनों जांच का मुख्य बिंदु आग लगने की वजह का पता लगाना है। लापरवाही मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।